मेरा एक ही धर्म है , और वो है देश की सेवा करना। Bhagat Singh
बुराई इसलिए नहीं बढ़ रही है कि , बुरे लोग बढ़ गए है , बल्कि बुराई इसलिए बढ़ रही है , क्योंकि बुराई सहन करने वाले , लोग बढ़ गये है। Bhagat Singh
विद्रोह कोई क्रांति नहीं है। यह अंततः उस अंत तक , ले जा सकता है। Bhagat Singh
इंक़लाब जिंदाबाद Bhagat Singh
क्रांति में अनिवार्य रूप से , संघर्ष शामिल था। यह बम और पिस्तौल का , मत नहीं था। Bhagat Singh
मुझे कभी भी अपनी रक्षा करने की , कोई इच्छा नहीं थी , और कभी भी मैंने इसके बारे में , गंभीरता से नहीं सोचा। Bhagat Singh
स्वतंत्रता हर इंसान का कभी न , ख़त्म होने वाला , जन्म सिद्ध अधिकार है। Bhagat Singh
देशभक्त को अक्सर सभी , लोग पागल समझते हैं। Bhagat Singh
निष्ठुर आलोचना और स्वतंत्र विचार , यह क्रांतिकारी सोच , के दो अहम् लक्षण हैं। Bhagat Singh
मैं एक इंसान हूँ। वो हर बात मुझे प्रभावित करती है , जो इंसानियत को प्रभावित करे। Bhagat Singh
इंसानों को तो मारा जा सकता है , पर उनके विचारों को नहीं। Bhagat Singh
जिंदगी तो अपने दम पर जी जाती है , दूसरों के कन्धों पर तो , जनाजे उठाये जाते है। Bhagat Singh
प्रेमी, कवि और पागल एक ही , चीज़ से बने होते हैं। क्योंकि लोग अक्सर देशप्रेमी को , पागल कहते है। Bhagat Singh
राख का हर एक कण, मेरी गर्मी से गतिमान है। मैं एक ऐसा पागल हूँ , जो जेल में भी आजाद हैं। Bhagat Singh