धर्म

धर्म

मेरा एक ही धर्म है ,
और वो है देश की सेवा करना।
Bhagat Singh

बुराई

बुराई

बुराई इसलिए नहीं बढ़ रही है कि ,
बुरे लोग बढ़ गए है ,
बल्कि बुराई इसलिए बढ़ रही है ,
क्योंकि बुराई सहन करने वाले ,
लोग बढ़ गये है।
Bhagat Singh

विद्रोह

विद्रोह

विद्रोह कोई क्रांति नहीं है।
यह अंततः उस अंत तक ,
ले जा सकता है।
Bhagat Singh

क्रांति

क्रांति

क्रांति में अनिवार्य रूप से ,
संघर्ष शामिल था।
यह बम और पिस्तौल का ,
मत नहीं था।
Bhagat Singh

गंभीरता

गंभीरता

मुझे कभी भी अपनी रक्षा करने की ,
कोई इच्छा नहीं थी ,
और कभी भी मैंने इसके बारे में ,
गंभीरता से नहीं सोचा।
Bhagat Singh

स्वतंत्रता

स्वतंत्रता

स्वतंत्रता हर इंसान का कभी न ,
ख़त्म होने वाला ,
जन्म सिद्ध अधिकार है।
Bhagat Singh

देशभक्त

देशभक्त

देशभक्त को अक्सर सभी ,
लोग पागल समझते हैं।
Bhagat Singh

क्रांतिकारी

क्रांतिकारी

निष्ठुर आलोचना और स्वतंत्र विचार ,
यह क्रांतिकारी सोच ,
के दो अहम् लक्षण हैं।
Bhagat Singh

इंसानियत

इंसानियत

मैं एक इंसान हूँ।
वो हर बात मुझे प्रभावित करती है ,
जो इंसानियत को प्रभावित करे।
Bhagat Singh

विचारों

विचारों

इंसानों को तो मारा जा सकता है ,
पर उनके विचारों को नहीं।
Bhagat Singh

जिंदगी

जिंदगी

जिंदगी तो अपने दम पर जी जाती है ,
दूसरों के कन्धों पर तो ,
जनाजे उठाये जाते है।
Bhagat Singh

देशप्रेमी

देशप्रेमी

प्रेमी, कवि और पागल एक ही ,
चीज़ से बने होते हैं। 
क्योंकि लोग अक्सर देशप्रेमी को ,
पागल कहते है।
Bhagat Singh

आजाद

आजाद

राख का हर एक कण,
मेरी गर्मी से गतिमान है।
 मैं एक ऐसा पागल हूँ ,
जो जेल में भी आजाद हैं।
Bhagat Singh